ये हैं 1960 के दशक की वो थ्रिलर मूवीज जो वर्तमान समय की थ्रिलर मूवीज से है कहीं आगे

1960 Thriller Movies: थ्रिलर मूवीज़ आज भी बनती हैं. पहले भी बनती थी लेकिन आज की थ्रिलर मूवीज़ देख कर लगता है कि वाकई ओल्ड इस गोल्ड’ वर्तमान समय में थ्रिलर मूवीज़ को एक अलग ही कांसेप्ट पर बनाया जाता है. लेकिन सोचिए अगर आज के इस पोस्ट में हम आपको 1960 की कुछ ऐसी थी थ्रिलर मूवीज़ बता दें, जो आपका दिन बना देंगी,

तो कैसा होगा तो आज के इस पोस्ट में हम आपको ऐसी ही कुछ मूवीज़ के बारे में बताने वाले हैं. जो 1960 के दशक में सस्पेंश नोबल और गजब की मिस्ट्री स्टोरीज पर बनाई गई थी. अगर हैं इसके लिए बेताब तो चलिए जान लेते हैं ऐसी ही थ्रिलर मूवीज के बारे में.

कानून 1960 ( बी आर चोपडा ) : 1960 के दशक की थ्रिलर मूवीज की बात की जाए और उसमें बी आर चोपड़ा की कानून’ का नाम ना आए, ऐसा भला कैसे हो सकता है. इस फिल्म में दिखाया गया था कि एक व्यक्ति की मौत हो जाती है और इसकी मिस्ट्री सुलझाने के इर्द-गिर्द ही इस फिल्म की कहानी घूमती है.

इस फिल्म में राजेंद्र कुमार , नंदा अशोक कुमार , महमूद, शशि कला , जीवन और ओमप्रकाश जैसे कलाकारों ने इस फिल्म में भूमिका निभाई थी. फिल्म की कहानी बेहद ही जबरदस्त थी. इसके साथ ही इस फिल्म के बारे में एक और रोचक बात बता दें, यह हिंदी सिनेमा की दूसरी फिल्म है जिसमें कोई भी गाना नहीं था.

वह कौन थी 1964 ( राज कोसला ) : वह कौन थी, फिल्म 1964 में रिलीज हुई थी. इसकी कहानी भी मिस्ट्री से भरपूर थी और इसमें इतने रहस्य थे कि फिल्म कहानी की वजह से खूब पसंद की गई थी. फिल्म के डायरेक्टर राज कोसला थे और इस फिल्म में मनोज कुमार और प्रेम चोपड़ा ने अहम किरदार प्ले किए थे.

बीस साल बाद 1962 ( बिरेन नाग ) : यह फिल्म साल 1962 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म के बारे में कहा जाता है कि यह फिल्म शेरलॉक होम्स की नॉवल (The Hound of the Baskervilles) पर आधारित थी. इस फिल्म को उस दौर की फिल्मों में सुपरहिट फिल्म का दर्जा भी दिया गया है. इसके साथ ही आपको बता दें, इस फिल्म में लता मंगेशकर का गाया हुआ गाना काफी पॉपुलर हुआ था.

कोहरा 1964 ( बिरेन नाग ) : इस लिस्ट में एक बार फिर से बिरेन नाग की ही फिल्म कोहरा का नाम शामिल है. यह फिल्म 1964 में फिल्मी पर्दे पर प्रदर्शित हुई थी बता दें, यह फिल्म नोबेल रैबिका पर आधारित मानी जाती है. वहीं इसके किरदारों की बात करें तो इस फिल्म में वहीदा रहमान , ललिता पंवार, विश्वजीत जैसे कलाकारों ने महत्वपूर्ण रोल अदा किया था.

गुमनाम 1965 ( राजा नवाथे ) : यह फिल्म एक मिस्ट्री नोबल पर आधारित थी. इस फिल्म को साल 1965 में फिल्मी पर्दे पर प्रदर्शित किया गया था. इस फिल्म के डायरेक्टर की बात करें तो इस फिल्म के डायरेक्टर राजा नवाथे थे. वहीं इस फिल्म के कास्ट की बात करें तो इसमें मनोज कुमार, हेलेन और महमूद जैसे कलाकारों ने रोल प्ले किए थे.

मेरा साया 1960 ( राज खोसला ) : अगर आपको लगता है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में वर्तमान समय में ही फिल्मों के रिमेक बनते हैं तो आप गलत है. 1960 के दशक में भी रीमेक बनते थे और यह फिल्म फिल्म भी मराठी फिल्म पाठलाग” का रीमेक थी. इस फिल्म में साधना और सुनील दत्त अहम किरदारों में दिखाई दिए थे.

हमराज़ 1967 ( बी आर चोपड़ा ) : उस दौर की यह एकमात्र ऐसी फिल्म है. जिसको आज भी याद किया जाता है. फिल्म के डायरेक्टर बी आर चोपड़ा थे और इस फिल्म को एक अलग ही स्टोरी के ऊपर बनाया गया था.

फिल्म की स्टोरी वाकई कमाल थी वहीं इसके कास्ट की बात करें तो इसमें सुनील दत्त, राजकुमार, मुमताज , सारिका, मदन पुरी, इफ्तेखार बलराज साहनी जैसे कलाकार दिखाई दिए थे. इस फिल्म को आज भी याद किया जाता है. उस दौर में इस फिल्म को नेशनल अवार्ड भी मिला था

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