हिंदी सिनेमा के महानायक का तमगा हासिल करने वाले अमिताभ बच्चन आज 79 वर्ष के हो चुके हैं. लेकिन इस उम्र में भी इनका फिल्मी पर्दे पर रुतबा कायम है और यह फिल्मों में काम करते दिखाई देते हैं. अमिताभ बच्चन ने कड़ी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है.
वेल आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर एक समय पर अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना के बीच किस तरह का कंपटीशन चलता था यूं तो विनोद खन्ना हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके और अमिताभ बच्चन के जीवन से जुड़े किस्से चर्चा में आते रहते हैं.
कहा जाता है अमिताभ बच्चन की वजह से ही विनोद खन्ना कई हिट फिल्मों में काम नहीं कर पाए थे. और इसी वजह से विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन के रिश्तो में दरारें आ गई थी.
इन घटनाओं से टूट गए विनोद खन्ना
एक समय पर विनोद खन्ना अमिताभ बच्चन के स्टारडम को थिएटर में टक्कर देते दिखाई देते थे और इन दोनों की फिल्में जब भी थिएटर में आती थी. तो लोगों के कंपैरिजन करना भी मुश्किल हो जाता था. लेकिन जब विनोद खन्ना स्टारडम पकड़ रहे थे. उसी समय उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था.
26 से 27 साल की उम्र में इन्होने इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था. उस समय उनके घर में 4 लोगों की मृत्यु हो गई थी इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली थी. विनोद खन्ना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक समय पर वह बुरी तरह टूट गए थे और कुछ ही महीनों में उनके परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई थी. इसके बाद वे 1975 में इस तनाव से बचने के लिए ओशो के पास भी चले गए थे.
झूठे बर्तन धोने का भी किया काम
इस साक्षात्कार में विनोद खन्ना ने बताया था कि जब वह ओशो के पास गए थे. उस समय उन्हें झूठे बर्तन और कपड़े धुलने पड़ते थे. यहां तक कि ओशो के कपड़े मुझ पर ट्राई किए जाते थे. क्योंकि विनोद खन्ना और ओशो की कद काठी सेम हुआ करती थी.
अमिताभ के थे सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी
अपने फिल्मी कैरियर से संन्यास लेने के बाद जब विनोद खन्ना ने 1985 में वापसी की थी तो उनकी वापसी धमाकेदार रही थी. उन्होंने 1985 के दौर में इंसाफ, सत्यमेव जयते जैसी फिल्में दी थी. जिनकी बदौलत इनकी वापसी धांसू रही थी. वहीं लोगों ने कहना शुरू कर दिया था
कि अगर विनोद खन्ना फिल्म इंडस्ट्री से सन्यास नहीं लेते तो जाहिर है वह अमिताभ बच्चन से बड़े स्टार बन जाते और वह अमिताभ बच्चन के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी होते. बता दें, एक्टिंग की दुनिया में सफल होने के बाद विनोद खन्ना ने राजनीति में भी कदम आजमाएं थे. वहीं साल 2017 में विनोद खन्ना का निधन हो गया था.