गायत्री देवी, शायद आप इस नाम को नहीं पहचानते होंगे। तो दोस्तों आपको बता दें कि गायत्री देवी भारत की एक महारानी थी। जी हां गायत्री देवी भारत की सबसे मॉडर्न और सबसे खूबसूरत महारानियों में से एक मानी जाती हैं। उनकी जिंदगी में इतनी कठिनाइयां आई हैं कि उन पर एक फिल्म भी बनाई जा सकती है। तो चलिए आज आपको उनका एक किस्सा बताते हैं कि उन्हें इंदि’रा गांधी ने गिर’फ्तार क्यों करवाया था।
गायत्री देवी को जब आपात’काल के दौरान गिर’फ्तार किया गया था तब वह 56 साल की थी। महारानी को गिर’फ्तार करके एक बहुत ही भद्दे और गंदगी भरे जेल के एक कमरे में डाल दिया गया था। उनकी हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि उनका 10 किलो वजन कम हो गया था और गायत्री देवी को इं’दिरा गांधी से अपनी रिहाई के लिए प्रार्थना करनी पड़ गई थी।
आपात’काल का दौर
जब भारत सरकार ने आपात’काल लगाया था उस समय गायत्री देवी मुंबई में थी और उनका इलाज चल रहा था। उनकी तबीयत कुछ खराब चल रही थी इसलिए वह स्वस्थ रहने के लिए मुंबई में ही रह रही थी। तब एकदम उन्हें दिल्ली जाना पड़ता है क्योंकि वह एक सांसद हुआ करती थी। दिल्ली जाने पर वे देखती हैं कि बेंच खाली पड़े थे क्योंकि क्योंकि लगभग सभी को गिर’फ्तार कर लिया गया था।
उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया
30 जुलाई को जब वह दिल्ली आती हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। फॉरेन एक्सचेंज और स्मग’लिंग के इल्जाम के चलते उन्हें गिर’फ्तार किया जाता है। मोती डूंगरी में पाए गए कुछ पाउंड्स और सिक्कों के सबूत के दम पर उन्हें गिर’फ्तार किया जाता है। आपात’काल के दौर के कारण सरका’र की शक्तियां मजबूत हो गई थी। गायत्री देवी और उनके बेटे भवानी सिंह को गिर’फ्तार कर लिया जाता है।
जे’ल में किस हाल में जी रहे थे
एक डेली अखबार के अनुसार भवानी सिंह को तो एक कमरा दिया जाता है जिसमें पानी उपलब्ध होता है। लेकिन दूसरी तरफ गायत्री देवी को जो कमरे में बंद किया जाता है उसमें सिर्फ एक ही पानी की टंकी होती है जिसमें पानी भी नहीं आता है। बताया जाता है कि उस कमरे के पास में ही एक गंदा सी खुली नाली होती है जिसमें सभी कै’दी शोच किया करते थे।
यही नहीं इसके अलावा सोने के लिए भी सिर्फ एक ही गदा हुआ करता था जिस पर दो लोगों को सोना पड़ता था। लेकिन उनके लिए अच्छी बात यह थी कि उनके साथ रहने वाली दूसरी औरत दिल की काफी अच्छी थी और उसने गायत्री देवी को उस गद्दे पर अकेले सोने को दे दिया था। कुछ समय बाद उस औरत को दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया जाता है और अब गायत्री देवी उस कमरे में अकेली ही रहती हैं।
गायत्री देवी ने बताया वहां के हालात
एक दिल्ली के बाद में बात करते हुए गायत्री देवी ने बताया था कि वहां पर ना तो कोई पंखा था और बहुत सारे मच्छर हुआ करते थे। मां की हालत बहुत खराब थी। वहां के कुछ लोग भी दिमागी तौर पर ठीक नहीं थे।
खास सेवाएं
एक खास नागरिक और स्पेशल स्टेटस होने के कारण गायत्री देवी को कुछ अलग सेवाएं भी मिला करती थी। पुनीत चाय दी जाती थी खास तौर पर अजवाइन वाली चाय। उन्हें हर रोज अपने बेटे के साथ ग्राउंड में टहलने भी दिया जाता था। गायत्री देवी को हर रोज पढ़ने के लिए बार भी दिया जाता था। लैला बेगम के दोनों बच्चे गायत्री देवी को रोज फूल देकर जाते थे।