बीएमसी कर्मचारी ने 50 वर्ष की उम्र में पास की दसवीं, बता दिया उम्र सिर्फ एक नंबर है

कहते हैं जब आप किसी काम की शुरुआत करें तो फिर आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. आपको उस काम को शुरू ही कर देना चाहिए जी हां, हाल ही में एक बीएमसी कर्मचारी ने बता दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या होती है.

जिस भी काम को आप जिस उम्र में करते हैं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. बस आपके अंदर जुनून और जज़्बा होना चाहिए. इस बीएमसी कर्मचारी ने एसएससी की परीक्षा को 50 वर्ष की उम्र में पास किया है और इसके बाद तो इनका खुशी का ठिकाना नहीं है. आइए आपको बताते हैं इन्हीं के बारे में विस्तार से और जानते हैं कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया है.

50 वर्ष की उम्र में पास की दसवीं : कुंचिकोर्वे मशन्ना रामप्पा ने 50 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र एसएससी की परीक्षा पास की है. कुंचिकोर्वे इस परीक्षा को पास करने के लिए पिछले 3 बरस से मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने 3 साल पहले आठवीं क्लास में एडमिशन लिया था और आठवीं की परीक्षा पास करने के बाद फिर इन्होंने नौवीं और दसवीं की पढ़ाई की और अब आखिरकार दसवीं की परीक्षा में इन्हें 57 फ़ीसदी मार्क्स मिले हैं.

बता दें, ये बृहन्मुंबई नगर निगम के लिए काम करते हैं और इसके साथ-साथ उन्होंने दसवीं की परीक्षा भी पास की है. दशकों से बीएमसी में कार्यरत यह बताते हैं कि वह सुबह 7 से लेकर साढ़े 8 तक पढ़ाई करते थे. इसके बाद काम पर निकल जाते थे. वहीं जब शाम को घर लौटते थे तब भी वह पढ़ाई करते थे.

उन्होंने कहा कि वह दिन में 3 घंटे रोजाना पढ़ाई करते थे और अब उनको मेहनत का फल मिल चुका है. बता दें, कुंचिकोर्वे मशन्ना रामप्पा को 10वीं के एग्जाम में विज्ञान में 59 गणित में 54 अंग्रेजी में 54 मराठी में 54 और और हिंदी में 57 नंबर मिले हैं. इनको मिलाकर इनकी प्रतिशत 57 बनी है.

आगे भी करना चाहते हैं पढ़ाई : दसवीं पास करने के बाद कुंचिकोर्वे ने कहा कि वह बचपन में पढ़ना चाहते थे लेकिन हालातों की वजह से पढ़ना नहीं पाए थे. वहीं अब उनके बच्चे ग्रेजुएट हैं तो वह भी हमेशा से सोचते थे कि वह भी पढ़ लिख लें. और इसी कड़ी में उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की है.

उन्होंने कहा कि वह अब बेहद खुश हैं और आगे भी पढ़ाई को जारी रखना चाहते हैं और 12वीं पास करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा को पास करने में उन्होंने तो मेहनत की ही थी इसके साथ ही उनके बच्चे और सहकर्मियों का भी काफी योगदान था.

अब जो भी हो इन्होंने दसवीं पास करके दिखा दिया है कि उम्र कोई भी हो काम कभी भी किया जा सकता है. अब यह लोगों को प्रेरणा देना चाहते हैं और दसवीं के बाद 12वीं की शिक्षा हासिल करना चाहते हैं तो देखना होगा इनका सफर कैसा रहता है.

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