भारतीय संस्कृति में बेटियों का कभी पवित्र स्थान माना जाता है ! कहा जाता है कि बेटियां भगवान का दिया हुआ एक खास तोहफा होती हैं ! जो हर किसी को नहीं मिलता ! हिंदू परंपरा के अनुसार बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है ! जिस घर में बेटी का जन्म होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है ! बेटियां हमेशा घर में रौनक लगाकर रखती हैं ! साथ ही में यह घर की हर एक जिम्मेदारी को बखूबी संभालती भी हैं ! लेकिन फिर भी कभी-कभी कुछ रूढ़िवादी सोच रखने वाले व्यक्ति बेटियों को जन्म लेने नहीं देते ! अगर कोई बेटी जन्म ले भी लेती है तो वह लोग उसे बोझ समझते है !
आज के समय में भी भारत में कई ऐसे किस्से आपको सुनने को मिल जाएंगे ! लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो समय के साथ अपनी सोच को बदल रहे हैं ! आज हम आपको ऐसा ही एक किस्सा बताने जा रहे हैं !जिसे जानकर आप भी खुशी से झूम उठेंगे ! आज हम आपको जिस किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं ! वह मध्य प्रदेश से सामने आए सागर जिले का है ! यहां पर एक परिवार में बेटी का जन्म हुआ है ! जिसको लेकर पूरे परिवार के साथ साथ गांव के लोग भी जश्न मनाने शामिल हुए ! पूरे गाजे-बाजे घर में बेटी का स्वागत किया गया !
23 साल बाद हुआ बेटी का जन्म घर वालों ने मनाया जश्न
इन्होने इस तरह से अपनी बेटी का स्वागत कर उन लोगों के लिए मिसाल कायम कर देते हैं ! जो बेटियों को बोझ समझते हैं ! आज हम जिस के बारे में बताने जा रहे हैं ! यह मध्य प्रदेश के जिला सागर का है ! इस घर में 23 साल के बाद बेटी ने जन्म लिया ! जिसकी वजह से यह परिवार बेहद खुश है ! इतना ही नहीं घरवालों की खुशी के साथ साथ पूरा गांव इनकी खुशी में झूम रहा है ! ढोल नगाड़ों के साथ झूमते नाचते लोग और आतिशबाजी करते हुए इस नन्ही सी परी का स्वागत किया गया ! परिवार वालों ने अपनी इस नन्ही परी के स्वागत के लिए बेहद तैयारियां कर रखी थी !
अस्पताल से पहली बार घर पर आने पर नन्ही परी की आरती उतारी गई ! महावर लगाया गया और गुलाब की पंखुड़ियों सी बेटी का स्वागत गुलाब की पंखुड़ियों से बारिश करते हुए किया गया ! इन तस्वीरों में आप हर किसी के चेहरे पर खुशी साफ देख सकते हैं ! यह तस्वीरें सागर के जैसीनगर के सागोनी पुराना में 3 दिन पहले हुए वैशाली और तरुण के घर दम पर खींची गई ! जिस तरह से उन्होंने अपनी नन्ही परी को धूमधाम और सम्मान के साथ अपने घर में प्रवेश करवाया ! जिससे यह साबित होता है कि इनके लिए बेटियों की अहमियत कितनी है !इन्हीं से और लोगों को भी सीख लेनी चाहिए !
बेटी के जन्म पर जो लोग वैसे खुशियां नहीं मनाते ! जैसा बेटे के जन्म पर मनाते हैं ! बेटियां किसी भी मायने से बेटों से कम नहीं है ! रविंद्र सिंह ने कहा उनके घर 23 साल बाद लक्ष्मी आई है ! जहां कुछ लोग ऐसे हैं जो बेटियों के स्वागत के लिए इतना कुछ करते हैं ! उनके हर एक पल को खूबसूरत बनाते हैं ! वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बेटियों के पैदा होने पर दुखी हो जाते हैं ! अक्सर बेटा होने के लिए कई तरह की पूजा की जाती हैं ! उन्हीं लोगों के लिए इस तरह के लोग मिसाल कायम करते हैं ! सोशल मीडिया पर तरुण और वैशाली और उनके परिवार वालों की खूब तारीफें की जा रही हैं !